Practical Steps to Think and Grow Rich PDF
प्रैक्टिकल स्टेप्स टू थिंक एंड ग्रो रिच
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प्रैक्टिकल स्टेप्स टू थिंक एंड ग्रो रिच
मानव जाति की भला करने वाली इस रहस्यमयी चीज का नाम है पूंजी! पूंजी में ना सिर्फ धन शामिल है, बाल्की ज्यादा खास तौर पर लोगों के उच्च संगत, बुद्धिमान समूह शामिल हैं, जो जनता के हित और अपने लाभ के झूठ धन के कुशल प्रयोग की योजना बनाते हैं।
समूह में वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, केमिस्ट, आविष्कारक, व्यवसायिक विशेषक, जनसम्पर्क विशेषग्य, यादयत विशेष, आकुंतेंट, वकील, डॉक्टर और कोई शामिल हैं, जिनके पास उद्योग और व्यवसाय के सभी क्षेत्रों का बेहद विशेषग्यातापूर्ण ज्ञान होता है।
वे प्रयास के नए क्षेत्र में प्रयोग बनाते हैं, प्रयोग कराते हैं और नए रास्ते बनाते हैं। वे कोलेजों, अस्पतालों और सरकारों स्कूलों को समर्थन देते हैं, अच्छे सदाकें बनाते हैं, समाचार पत्र प्रकाशित करते हैं, सरकार की अधिकाँश लाते हैं और मानव प्रगति को संचित करने वाले वाले असांख्य विवरणों की परवाह कराटे हैं।
संकल्प में कहें, तो पूंजीपति सभ्यता के मस्तिष्क हैं, क्योंकि वे पूरे तंत्र की आपूर्ति कराटे हैं, जिसमें सारी शिक्षा, ज्ञानोदय और मानव प्रगति शारीक है। दिमाग के बिना पैसा हमेशा खतरनाक होता है। उचित इस्तमाल होने पर यह सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण अनिवारी हिसा है।
अगर संगत पूंजी ने मसीनें, जहाज, रेल की पटारिया न होतीं और उन्हें चलाने के झूठ प्रशिक्षित लोग ना मरते हैं, तो न्यू यॉर्क के परिवार के सामान नाश्ते में ग्रेपफ्रूट जूस, अनाज, अंडे, ब्रेड-बटार और शकर वाली कोफी को वाजिब दाम पर प्रदान नहीं किया जा सकता था।
दिमाग के बिना पैसा हमेशा खतरनाक होता है। मिलाकार वे सभ्यता की प्रगति को ईधन देते हैं। स्टीमशिप और रिले की पटरिया पृथ्वी से नहीं निकलती हैं; वे अपने आप काम नहीं करने लगते हैं। वे सभ्यता के आह्वान की प्रतिक्रिया में आती हैं!
वे श्रम, चतुराई और उन लोगों की संगठनातमक योग्यता की बदौलत आती हैं, जिनमें कल्पना, आस्था, उत्साह, निर्णय और लगन होती है! लोगों को पूंजीपति के नाम से जाना जाता है। वे बनाने, निर्माण करने, हासिल करने, उपाय सेवा प्रदान करने, लाभ कमाने और दौलत हासिल करने की इच्छा से प्रेरित होते हैं।
चूनकी वे ऐसे सेवन प्रदान कराटे हैं, जिनके बिना कोई सभ्यता नहीं हो सकती, इसे वे खुद को महान दौलत की राह में रखते हैं। विवरन को सरल और समाज में आने योग्य रखने के झूठ में यह जोड़ने चाहूँगा कि ये पूंजीपति वही लोग हैं, जिनके बारे में हम से ज़्यादा न टेलीविज़न पर भाषण देने वालों को बोलते सुना है।
ये वही लोग हैं, जिनहें उग्र सुधारवादी, ठगे करने वाले, बीमार नेता और घोसखोरी करने वाले श्रमिक नेता “लुटेरे हिटन वाले” या “वॉल स्ट्रीट” नाम देते हैं। मैं लोगों के किसी समूह या अर्थशास्त्र के किसी तंत्र के समर्थन या विरोध में तर्क नहीं दे रहा हूं।
जब मैं “घूसाखोरी करने वाले श्रमिक नेता” कहता हूं, तो मैं सामूहिक सौदेबाजी की निंदा नहीं कर रहा हूं, ना ही मैं पूंजीपति कहने वाले सभी लोगों को साफ-सुथारा होने का प्रमाण पत्र दे रहा हूं.
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ऑथर नाम – नेपोलियन हिल
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